युगों - युगों से बहती आई,
हिन्दू - संस्कृति धारा।
इससे ही एकात्म हुआ है,
सारा राष्ट्र हमारा।।ध्रु.।।
वेदों की पावन धरती यह, देवों ने अवतार लिए।
राम,कृष्ण,गौंतम,नानक ने, अमृतसम सुविचार दिए।
एक सूञ में पिरो सभी को-2, दिया स्नेह सहारा।।1।।
वनवासी, गिरिवासी,वंचित,बन्धु
सहोदर हैं अपने।
सबकों लेकर साथ चलें
हम,पूर्ण करें सबके सपने।
समरस जीवन से टूटेगी-2, भेदभाव
की कारा।।2।।
नारी का सम्मान यहाँ की, गौरवशाली परम्परा।
मातृशक्ति के संस्कारो से, पोषित है यह पुण्य धरा।
त्याग-प्रेम के आदर्शो ने-2, भारत भाग्य संवारा।।3।।