विश्व गुरू तव अर्चना में
विश्व गुरू तव अर्चना में, भेंट अर्पण क्या करें?
जबकि तन-मन-धन तुम्हारे, और पूजन क्या करें?
प्राची की अरूणिम छटा हैं, यज्ञ की आभा विभा है।
अरूण ज्योमिर्मय ध्वजा है, दीप दर्शन क्या करें?।।1।।
वेद की पावन ऋचा से, आज तक जो राग गूंजे।
वन्दना के उन स्वरों में, तुच्छ वन्दन क्या करें?।।2।।
राम के अवतार आऐ, कर्ममय जीवन चढ़ाऐ।
अचिर तन तेरा चलाऐ, और अर्चन क्या करें?।।3।।
पत्र-फल और पुष्प जल से, भावना ले हृदय तल से।
प्राची के पल-पल विपल से, आज आराधन करें?।।4।।